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NSDL IPO: CDSL की तरह क्या इतिहास दोहराया जा सकता है?

NSDL IPO और CDSL तुलना

NSDL IPO: CDSL की तरह क्या इतिहास दोहराया जा सकता है?

1. CDSL का अब तक का प्रदर्शन

CDSL ने जून 2017 में ₹125 के इश्यू प्राइस पर लिस्ट होकर अब तक लगभग ₹1,550 तक की बढ़त हासिल की है। यानी लगभग 12 गुना रिटर्न। यह डिपॉजिटरी सेगमेंट का पहला और अब तक का एकमात्र लिस्टेड प्लेयर था।

2. NSDL का परिचय

National Securities Depository Ltd. (NSDL) भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी है। इसकी स्थापना 1996 में हुई थी। 2025 में यह IPO के जरिए ₹4,012 करोड़ जुटा रही है, जो पूर्णतः OFS (Offer for Sale) है। इसका प्राइस बैंड ₹760–₹800 प्रति शेयर तय किया गया है।

3. CDSL और NSDL की तुलना

विशेषता CDSL NSDL
IPO वर्ष 2017 2025
IPO प्राइस ₹125 ₹760–₹800
मार्केट कैप (लगभग) ₹32,000 करोड़ ₹16,000 करोड़
डिमैट खाते 15.3 करोड़+ 3.9 करोड़+
Asset Under Custody (AUC) ₹70 लाख करोड़ ₹464 लाख करोड़+
Net Profit (FY23) ₹526 करोड़ ₹343 करोड़
EBITDA Margin लगभग 48% लगभग 34%
P/E Ratio लगभग 60x लगभग 47x
रिटेल या संस्थागत फोकस रिटेल आधारित संस्थागत आधारित

4. सब्सक्रिप्शन और बाजार की गतिविधि

  • NSDL IPO का पहला दिन पूरा सब्सक्राइब हुआ।
  • Grey Market Premium (GMP) ₹120–₹130 के बीच रहा।
  • Anchor Investors से ₹1,201 करोड़ जुटाए गए।
  • लिस्टिंग केवल BSE पर होगी।

5. दोनों कंपनियों के कामकाज की संरचना

CDSL का ध्यान रिटेल निवेशकों और फिनटेक चैनलों पर है, जबकि NSDL अधिकतर संस्थागत निवेशकों (जैसे mutual funds, foreign investors) के साथ काम करती है।

6. लिस्टिंग से पहले की स्थिति

  • NSDL की वित्तीय स्थिरता मजबूत है।
  • ऑपरेटिंग कॉस्ट अपेक्षाकृत अधिक है।
  • अभी तक इसका रेवेन्यू ग्रोथ moderate रहा है।

7. निष्कर्ष (केवल जानकारी हेतु)

CDSL और NSDL दोनों भारत की प्रमुख डिपॉजिटरी कंपनियाँ हैं। दोनों की भूमिका और संरचना में अंतर है। CDSL ने अतीत में मल्टीबैगर रिटर्न दिए हैं। NSDL का IPO भारत के वित्तीय बाजार के विकास में एक नया अध्याय जोड़ सकता है।

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